इस पोस्ट में हम हज़रात नूह अलैहिस्सलाम की कहानी पर रौशनी डालेंगे इस पोस्ट को पूरा पढ़े और अपने दोस्तों के साथ शेयर भी करें।
हज़रत नूह अलैहिस्सलाम कौन थे
हज़रत नूह अलैहिस्सलाम हज़रत इदरीस अलैहिस्सलाम की की तीसरी पुश्त में में पैदा हुए, हज़रत नूह अलैहिस्सलाम और हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के बीच एक हज़ार तीन सो पचास साल का ज़माना बयान किया जाता है।
कुरान शरीफ में आपका नाम का 41 जगाह आया है।
हज़रत नूह अलैहिस्सलाम ने सब से पहले अल्लाह के हुकुम के मुताबिक अपनी उम्मत के लिए नमाज़ के वक़्त पक्का किया।
आपका पूरा नाम अब्दुल गफ्फार है।
हज़रत नूह अलैहिस्सलाम की तब्लीग
हजरत नूह अलैहिस्सलाम के नबी बनाए जाने से पहले पूरी कौम अल्लाह की तौहीद और सही मज़हबी रोशनी से पूरी तरह अनजान हो चुकी थी, और हकीकी माबूद की जगह ख़ुद के बनाये हुए बुतों ने ले ली थी।
हज़रत नूह अलैहिस्सलाम 950 साल तक इन में तब्लीग का सिलसला जारी रखा। नसल बदल गयी लेकिन लोगो ने उनकी बात ना सुनी और उनका मज़ाक बनाया।
आप की मेहनत से सिर्फ 80 मर्द और औरत ईमान लाये, इसके अलावा आपकी एक बीवी और एक बेटा भी ईमान की दौलत से महरूम रहे।
हज़रत नूह अलैहिस्सलाम की कश्ती
आखिर कार अलैहिस्सलाम ने अल्लाह के हुकुम से एक तीन मंज़िल की बड़ी कश्ती त्यार करी जिसे त्यार करने में दो साल का वक़्त लगा।
हज़रत नूह अलैहि सलाम ने जब नाव बनानी शुरू की, तो कुफ़्फ़ार ने हँसी उड़ाना और मज़ाक़ बनाना शुरू कर दिया।
इस कश्ती में हर जानवर का एक एक जोड़ा सवार करा और खुद में मोमिन लोगो को लेकर कश्ती में सवार हो गए।
सब से ऊपर के हिस्से में इंसान, दूसरी मंज़िल में चार पैर वाले जानवर और सब से नीचे रेंगने वाले जानवर थे।
इसके बाद पूरी कॉम पर अल्लाह का अज़ाब नाज़िल हुआ, आसमान और ज़मीन दोनों तरफ से पानी आना शुरू हो गया, और पूरी दुनिया उसमे ख़तम हो गयी।
पानी का ये तूफान पाँच महीने तक रह, और 10 रजब को ये कश्ती जज़ीरा अरब के जुडी पहाड़ पर रुकी।
हज़रत नूह और उन के तीनो बेटे हाम, साम और याफ्ता अपनी अपनी बीवियों के साथ ज़िंदा रहे, और उनके साथी भी इस अज़ाब से बच गए।
इन तीनो की नसल से दुनिया फिर से आबाद हुई, इस लिए हज़रत नूह को वालिदे-सानी (दूसरे बाप) भी कहा जाता है।
उम्र और इंतकाल
हज़रत नूह अलैहिस्सलाम की उम्र
अब्बास रज़ी- की रवायत के मुताबिक आपकी 40 साल की उम्र में नबी बनाये गए थे। अपने 950 साल तक तब्लीग करी तूफान के बाद 60 साल तक ज़िंदा रहे।
हज़रत नूह अलैहिस्सलाम का इंतकाल
1050 साल की उम्र में इंतकाल हुआ, हज़रत नूह अलैहिस्सलाम की क़ब्र मज़्जिद-हराम मक्का मुकर्रमा में है, जिस की कोई अलामत बाकी नहीं है।