Surah Falaq in Hindi – इस की पहली आयत में ((फ़लक़ )) आने की वजह से , जिस का मतलब भोर है, इस का यह नाम रखा गया है।
सूरह “फलक” और सूरह “नास” को मिला कर “मुअव्वजतैन” कहा जाता है।
जब यह दोनों सूरतें उतरी तो नबी सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम ने फरमायाः आज की रात में मुझ पर कुछ ऐसी आयतें उतरी हैं जिन के बराबर मैं ने कभी नहीं देखी।
सूरह फलक़
कुल अऊजु बिरब्बिल फलक
मिन शररि मा ख़लक़
वमिन शररि ग़ासिकिन इज़ा वकब
वमिन शररिन नफ़ फ़ासाति फ़िल उक़द
वमिन शररि हासिदिन इज़ा हसद
सूरह फलक़ का तर्जुमा
कह दीजिये की मैं सुबह के रब की पनाह चाहता हूँ
तमाम मख़लूक़ात के शर से
और अँधेरी रातो के शर से जब कि उस की तारीकी फ़ैल जाये
और उन सभी औरतों के शर से जो लोग गिरहों में फूंक मारती है
और हसद करने वाले के शर से जब वो हसद करने लगे