इस पोस्ट में हमने Surah kafirun को hindi में बताया है ताकि आप लोग उसे आसानी से समझ सके बहुत कुछ लोगो को अरबी पढ़ने और समझने में मुश्किलात वो लोग सूरह काफ़िरून हिंदी में आसानी से पढ़ और समझ सकते हैं
सूरह काफिरून में 6 आयात 26 कलमात, 94 हरुफ और एक रुकू है।
सूरह काफिरून हिंदी में
- कुल या अय्युहल काफिरून
- ला अ अबुदु मा ताबुदून
- वला अन्तुम आ बिदूना मा अ अबुद
- वला ना आबिदुम मा अबद्तुम
- वला अन्तुम आबिदूना मा अअ बुद
- लकुम दीनुकुम वलिय दीन
सूरह काफिरून का तर्जुमा
- कह दो, “ऐ काफिरों
- मैं उसकी इबादत नहीं करता जिसकी तुम इबादत किया करते हो।
- ना ही तुम इबादत करते हो उसे जिस्की मैं इबादत करता हूं।
- और ना मैं इबादत करूंगा उसकी जिसकी तुम इबादत करते हो।
- और ना तुम उसकी इबादत करने वाले हो जिसकी मैं इबादत कर रहा हूं।
- तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन है,और मेरे लिए मेरा दीन है।
सूरह काफिरून कब नाज़िल हुई
यह सूरह मुहम्मद मुतफा स. अ. के मदीना में रहते वक़्त हिजरत से पहले नाज़िल हुई।
विद्वान मौलाना सैयद अबुल आला मौदूदी लिखते हैं कि हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद (रजि.) कहते हैं कि यह सूरह मक्की है । हज़रत अब्दुल्लाह बिन ज़ुबैर (रजि.) कहते हैं कि यह सूरह मदनी है।
मक्का मुअज़्ज़मा में एक ऐसा समय वक़्त गुज़रा जब नबी (सल्ल.) ने लोगो को इस्लाम की तरफ बुलाना शुरू करा लेकिन कुछ लोगो ने ही इस्लाम कुबूल करा।
लेकिन कुरैश के लोगो में इस्लाम का तुफ़ान तो उठ चुका था, लेकिन अभी कुरैश के सरदार को ऐसा लगता था की नबी (सल्ल.) को किसी -न- किसी तरह समझौते पर तैयार किया जा सकेगा।
इसलिए समय समय पर वे आपके पास समझौते के अलग अलग तरह के प्रस्ताव ले-लेकर आते रहते थे, ताकि आप उसमें से किसी को मान लें।
इस बारे में कई एक हदीसों में लिखा हुए हैं: (किसी कुरैशी ने प्रस्ताव दिया है कि) “ हम आपको इतनी दौलत दिए देते हैं कि आप मक्का के सबसे ज़्यादा अमीर शख्स बन जाएँ, आप जिस औरत को पसन्द करें उससे आपका निकाह किए देते हैं, हम आपके पीछे चलने के लिए तैयार हैं; आप बस हमारी यह बात मान लें कि हमारे पूज्य देवताओं का खंडन करने से बाज़ रहें।”
और एक (किसी में उनका यह प्रस्ताव लिखा है कि ) एक साल आप हमारे देवताओं की पूजा करें और एक साल हम आपके खुदा की इबादत करेंगे , इस पर यह सौराह काफिरून नाज़िल हुई ।
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