Surah Kausar in Hindi – सूरह कौसर की पहली आयत में “कौसर” लफ़ज़ आया है जिस का मतलब है “बहुत सी भलाईयाँ” और जन्नत के अन्दर एक नहर का नाम भी है। इस लिये इस सूरह का नाम “सूरह कौसर” है।
नाजिल होने की जगह | मक्का |
सूरह नंबर | 108 |
पारा | 30 |
सूरह कौसर हिंदी में
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
1. इन्ना आतैना कल कौसर
2. फसल्ली लिरब्बिका वनहर
3. इन्ना शानियाका हुवल अब्तर
सूरह कौसर का तर्जुमा
बेशक हमने आपको कौसर अता किया
बस आप अपने रब के लिए नमाज अदा करो और कुर्बानी करो
बेशक आपका दुश्मन ही बे नामो निशान होगा
सूरह कौसर की तफ़सीर
- सौराह कौसर की पहली आयत में नबी (सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम) को बहुत सी अच्छाई दिए किये जाने की की खुशखबरी दी है।
- आयत 2 में आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को इसे देने पर नमाज़ पढ़ते रहने और कुर्बानी करने का हुकुम दिया गया है।
- तीसरी आयत में आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को दिलासा दिया गया है कि जो आप के दुश्मन हैं वह आप का कुछ भी बिगाड़ नहीं सकेंगे बल्कि वह खुद बहुत बड़ी भलाई से दूर रह जायेंगे।
- तीसरी आयत में आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को दिलासा दिया गया है कि जो आप के दुश्मन हैं वह आप का कुछ भी बिगाड़ नहीं सकेंगे बल्कि वह खुद बहुत बड़ी भलाई से दूर रह जायेंगे।
- हदीस में है कि आइशा र.अ ने कहा कि कौसर एक जन्नत की नहर है, जो हमारे नबी को दी की गई है। जिस के दोनों किनारे मोती के और बर्तन आसमान के तारों के नंबर के बराबर हैं।
- और इब्ने अब्बास (रज़ियल्लाहु अन्हमा) ने कहा कि कौसर वह अच्छाई हैं जो अल्लाह ने आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को दी हैं।
सूरह कौसर के अंदर हुकुम
नमाज़ पढ़ना और क़ुरबानी देना
सूरह कौसर कब नाज़िल हुई
सूरह कौसर मक्का में उस समय नाज़िल हुई जब मक्का के लोगो ने नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को अपनी जाति से अलग कर दिया कि आप ने उन की मूर्तिपूजा की परम्परा को ख़राब कर दिया।
और नबी होने से पहले आप की जो जाति में इज़्ज़त थी वह वो ख़तम हो गयी । आप अपने थोड़े से साथियों के साथ रह गये थे।
इसी बीच आप (ﷺ) के एक बच्चे का इंतकाल हो गया था जिस पर मूर्ति पूजा करने वालो ने खुशियां मनाई और कहा कि मुहम्मद (ﷺ) के कोई लड़का नहीं। वह निर्मल हो गया और उस के इंतकाल के बाद उस का कोई नाम लेने वाला नहीं होगा।
सूरेह कौसर को पढ़ने के फायदे
- हर तरहे के फायदे और नफे के लिए सूरेह कौसर पढ़ना चाहिए।
- अगर सर में दर्द है तो ये सूरेह पढ़ें
- पेट में दर्द है तो ये सूरेह पढ़ें
- दुश्मन और ज़ालिम के ज़ुल्म से बचने के लिए सूरेह कौसर पढ़ें।
- अगर आप के घर में तंगदस्ती है और आप रिज़्क़ की परेशानी दूर करना चाहते हैं तो सूरह कौसर पढ़ें।
नसीहत:- क़ुरआन को हमेशा ठहर ठहर के और सही और यक़ीन के साथ पढ़ा करें।
सूरह कौसर PDH in Hindi
नॉट:- नाज़रीन ये था सूरेह कौसर को हिंदी में पढ़ने का तरीक़ा और कुछ बातें जो क़ुरआन और हदीस से मिलती हैं।
अगर आप का कोई सवाल हो या फिर आप हमें कोई सलाह देना चाहते हैं आप हमें कमेंट कर सकते हैं।
बेशक अल्लाह की हर सुरह में बरकत है। हिदायत है