अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन आज हम सूरह असर हिंदी में तर्जुमें के साथ बताने जा रहें हैं।
सूरह अल-असर क़ुरआन की तमाम सूरतों में से एक सूरह है, इस सूरह में 3 आयतें हैं, ये क़ुरआन की 103वीं सूरह है, यह क़ुरआन के 30वें पारे में है।
सूरह अल-असर
बिस्मिल्लाह–हिर्रहमान–निर्रहीम
शुरू करता हूं अल्लाह के नाम से जो निहायत रेहम करने वाला है।
- वल अस् र
इस गुज़रते ज़माने की क़सम है।
- इन्नल इनसाना लफ़ी खुस् र
बे शक इंसान घाटे में है।
- इल्लल लज़ीना आमनू वा आमिलुस सालीहाती वता वासौ बिल हक्क वता वासौ बिस सब्र
सिवाय उन लोगो के जो लोग ईमान लाये और नेक अमाल किये और हक़ पर क़ायम रहे और एक दूसरे को हक़ और सब्र की ताक़ीद दी।
सूरह असर के फायदे
- क़यामत के रोज़ उस शख़्स का चेहरा चमकेगा जो अपनी नमाज़ो में सूरह असर पढ़ता है।
- मुसीबत में इस सूरह को पढ़ने वाले को अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त सब्र अता करेगा।
सूरह असर की तफ़्सीर
- इस सूरह में अल्लाह ने ज़माने की क़सम खा कर इरशाद फ़रमाया कि इंसान बहुत बड़े घाटे में है। सिर्फ वो लोग बचे हुए हैं जो इन चार बातों पर अमल करते हैं (ईमान, नेक आमाल, हक़ की वसिय्यत,सब्र की वसिय्यत)
- सूरह असर क़ुराने करीम की बहुत मुख़्तसर और छोटी सूरत है लेकिन इमाम शाफ़ई र.अ. ने फ़रमाया कि अगर लोग इसी सूरत को गौर व तदब्बुर के साथ पढ़ लें तो ये उनकी दीन और दुनिया की दुरुस्ती के लिए काफ़ी हो जाये।
इन चार ज़रूरी बातों का मुख़्तसर ख़ुलासा
ईमान: – अगर आप ईमान नहीं लाये और दुनिया में कितना भी अच्छा काम कर लें तो उस का कोई फायदा नहीं।
नेक आमाल: – अल्लाह को राज़ी करने का तरीका जो रसूल स.अ. ने बतलाया और जो अल्लाह ने हुकुम दिया ये सब अमल में लाना बहुत ज़राती है, चाहे आप के अमाल कितने भी अच्छे क्यों न हो वो सब फ़िज़ूल है।
हक़ की वसिय्यत: – ताकीद के साथ किसी बात को ज़िक्र करना, जो ईमान न लाये हों उनको ईमान की दावत दी जाये और जो नेक अमल न करते हों उनको नेक अमल की दावत दी जाये।
सब्र की वसिय्यत: – यानि अल्लाह की नाफरमानी से बचने के लिए जो मुश्किलात का सामना करना पड़े उस को बर्दाश्त करने की तलकीन करना।
अल्लाह तआला ने फ़रमाया कि जिस इंसान की ज़िन्दगी चार इन बातों से खाली है वो बहुत बड़े नुकसान में है और इस नुकसान का मतलब आख़िरत (क़यामत वाले दिन) का नुक़सान है यानि वो आखिरत में अल्लाह की रहमत से महरूम कर दिए जायेंगे। (अल्लाह हम सब को हिदायद दे)
नसीहत:- क़ुरआन को हमेशा ठहर ठहर के और सही और यक़ीन के साथ पढ़ा करें।
सूरह असर Hindi PDF
नॉट:- नाज़रीन ये था सूरेह असर को हिंदी में पढ़ने का तरीक़ा और कुछ बातें जो क़ुरआन और हदीस से मिलती हैं।
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जज़ाक अल्लाह……………