सूरह हमज़ाह हिंदी में। Surah Humazah in Hindi

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अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन आज हम सूरह हमज़ाह हिंदी में तर्जुमें के साथ बताने जा रहें हैं।

सूरह अल-हमज़ाह क़ुरआन की तमाम सूरतों में से एक सूरह है, इस सूरह में 9आयतें हैं, ये क़ुरआन की 30वीं सूरह है, यह क़ुरआन के 104वें सूरह है

सूरह हमज़ाह

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम

शुरू करता हूं अल्लाह के नाम से जो निहायत रेहम करने वाला है।

  • वैलुल् – लिकुल्लि हु – म – ज़तिल् लु – मज़ह

किसी के पीठ पीछे ऐब लगाने वाला और मुँह पर ताना देने वाले हर उस इंसान के लिए बर्बादी है।

  • अल्लज़ी ज – म – अ़ मालन – व अ़द् – द – दहू

जिस ने माल किया हो और गिन गिन कर रखा हो।

  • यह्सबु अन् – न मालहू अख़्ल – दह्

और वो समझता है कि उस का ये माल हमेशा उस के साथ रहेगा।

  • कल्ला लयुम्ब – ज़न् – न फ़िल् – हु – त – मह

बिल्कुल नहीं वो ज़रूर तोड़ फोड़ कर रख देने वाली जहन्नम में फेंक दिया जायेगा।

  • व मा अदराक मल्हु – त – मह्

और आप को पता भी है कि तोड़ फोड़ कर रख देने वाली चीज़ क्या है?

  • नारूल्लाहिल् मू – क़ – दह –

वो अल्लाह की बड़काई हुई आग है।

  • अल्लती तत्तलिअु़ अ़लल् – अफ़इदह्

जो दिलों तक जा पहुंचेगी।

  • इन्नहा अ़लैहिम् मुअ् – स – दह

यक़ीनन वो आग उन पर बंद कर दी जाएगी।

  • फ़ी अ़ – मदिम् – मुमद् – द – दह्

वो आग के लम्बे लम्बे खम्भो में घिरे हुई होगी।

सूरह हमज़ाह के फायदे

सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया जो कोई सूरह हमज़ाह की तिलावत करता है, उसे दस नेकियाँ अता की जाएँगी।

कोई शख़्स किसी फर्ज़ नमाज़ में सूरह हुमज़ह की तिलावत करता है, गरीबी उससे दूर रहेगी, रिज़्क़ उसके पास आएगा, गरीबी से मेहफ़ूज़ रहेगा।

ख़ौफ़नाक मौत उससे दूर हो जाएगी।

आँखों में दर्द का इलाज इस सूरह में है, इस सूरह की तिलावत करके आँखों में धीरे से फूंकना चाहिए।

सूरह अल हमज़ाह की तिलावत करने से मौत आना आसान हो जाती है।

अगर किसी शख़्स पर कोई जिन्नात या बुरी नज़र का असर हो तो उस इंसान के ऊपर सूरह हमज़ाह पढ़कर फूँक देने से बुरे असरात दूर हो जायेंगे।  इंशा अल्लाह

सूरह हमज़ाह की मुख़्तसर तफ़्सीर

सूरह हमज़ाह में कुछ इख़्लाक़ी बुराइयों के बारे में बताया गया है।

  • मुंह पर ताना देना
  • पीठ पीछे बुराई करना
  • माल को गिन गिन कर रखना

इन तीन बुराईयों के बारे में ख़ास बयान किया है और इन बुराईयों से होने वाले अज़ाब के बारे में भी बयान किया है। उन दिनों अरब के जहिलियत के समाज में वहां के माल दारों के अंदर ये बुराई पाई जाती थी। वो लोग अपनी दौलत को जमा कर के रखते थे। और अपनी दौलत नेकी की रह में ख़र्च करने में कंजूसी करते थे। वो इस बात को सही समझ बैठे थे कि दौलत उन का साथ कभी नहीं छोड़ने वाली है।

इन लोगों का अंजाम

इन लोगों के लिए अल्लाह ताला ने खास अपनी तरफ से एक जहन्नम की आग तैयार की है

वहां कोई और दरवाज़ा नहीं होगा कि वहां से बाहर निकल के भागने का कोई सवाल पैदा नहीं हो सकता, आग लंबे-लंबे खंभों की शक़्ल में उठ रही होगी।

वो हर मुजरिम के दिल तक पहुंचेगी उसके जुर्म को नाप कर उस के दिल में जहां उनकी नापाक होगी वहाँ तक जलायेगी।

वो आग दुनिया की आग की तरह अंधी नहीं होगी वो आग दुनिया की आग से 70 गुना ज़्यादा गर्म और तपिश वाली होगी।

सूरह हमज़ाह Hindi PDF

नॉट:- नाज़रीन ये था सूरेह हमज़ाह को हिंदी में पढ़ने का तरीक़ा और कुछ बातें जो क़ुरआन और हदीस से मिलती हैं।
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जज़ाक अल्लाह………..

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