अस्सलामुअलैकुम नाज़रीन आज हम सूरेह आदियत को हिंदी में तर्जुमे के साथ पढ़ना सीखेंगे।
सूरह आदियत क़ुरान की तमाम सूरतों में से एक सूरह है, इस सूरह में 11आयतें हैं और ये सूरह क़ुरआन के 30वे पारे में है, ये क़ुरआन की 100वी सूरह है
सूरह आदियात
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
- वल आदियाति ज़ब्हा
- फ़ल मूरियाति क़दहा
- फ़ल मुग़ीराती सुबहा
- फ़ असरना बिही नक़आ
- फ़ वसतना बिही जमआ
- इन्नल इंसान लिरब्बिही ल कनूद
- व इन्नहू अला ज़ालिका लशहीद
- व इन्नहू लिहुब्बिल खैरि लशदीद
- अफ़ला यअलमु इज़ा बुआ सिरा माफ़िल क़ुबूर
- व हुस्सिला माफिस सुदूर
- इन्न रब्बहुम बिहिम यौमइज़िल ल ख़बीर
का हिंदी तर्जुमा
- शुरू करता हूं अल्लाह के नाम से जो निहायत रेहम करने वाला है।
- उन घोड़ों कि कसम जो हांफते हुए दौड़ते हैं।
- और फ़िर पत्थर पर टाप मार कर चिंगारियां निकालते हैं।
- और फ़िर सुबह के वक़्त दुश्मन की फौज पर हमला करते हैं।
- फ़िर धूल उड़ाते है
- और फ़िर उसी वक़्त अचानक से दुश्मन के फौज में जा घुसते हैं।
- बेशक इंसान अपने रब का बड़ा नाशुक्रा है।
- और बेशक इंसान इस हक़ीक़त पर खुद गवाह है।
- और बेशक वो माल कि मुहब्बत में बड़ा सख़्त है।
- क्या वो नहीं जानता कि एक दिन क़ब्रो के मुर्दे बाहर निकाल लिए जाएंगे।
- और जो दिलों में है वो सब ज़ाहिर किया जाएगा।
- बेशक इन का रब इन से इस दिन अच्छी तरह खबर रखने वाला है।
सूरह आदियत के फायदे
वैसे सूरह आदियत के बहत फायदे हैं पढ़े के मगर रिज़्क़ व कारोबार में इज़ाफ़ा, क़र्ज़ की अदायगी, नज़रे बद के बारे में ज़िक्र ज़्यादा मिलता है।
सूरह आदियत PDF Hindi
नॉट:- नाज़रीन ये था सूरेह आदियत को हिंदी में पढ़ने का तरीक़ा और कुछ बातें जो क़ुरआन और हदीस से मिलती हैं।
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जज़ाक अल्लाह…..