वज़ू बनाने का तरीका हिंदी में | Wazu Banane Ka Tarika

5/5 - (1 vote)

नाज़रीन इस पोस्ट में हमने वज़ू बनाने का तरीका और इसके साथ साथ सुन्नत, फ़र्ज़ और वज़ू टूटने की वजह भी बताई है।

वज़ू बनाने का तरीका

वज़ू बनाने का तरीका

  • तीन बार अच्छे तरीके से कलाई तक हाथ धोयें ।
  • तीन बार कुल्ली करें, हो सके तो मिस्वाक करें और अगर मिस्वाक नहीं हो तो ऊँगली से दातों को साफ कर लें। 
  • फिर तीन बार नाक में पानी डाल कर बायें हाथ कि छोटी ऊँगली से नाक साफ़ करें। 
  • फिर तीन मर्तबा मुँह धोएँ, मुँह पर पानी ज़ोर से ना मारें बल्कि धीरे से पेशानी के बाल से थोड़ी के नीचे तक और एक कान कि लो से दूसरे कान की लो तक अच्छे से धोयें । 
  • तीन बार कोहनी तक हाथ धोयें (पहले सीधा हाथ उसके बाद उल्टा हाथ )
  • उसके बाद हाथ पानी में भिगो कर एक बार सर का मसह करें, फिर एक बार कानो का मसह करें और एक बार गर्दन का और साथ में दाढ़ी का खलाल करें । 
  • फिर तीन बार सीधा पैर और तीन बार उल्टा पैर धोयें। 

वज़ू की दुआ हिंदी में

“बिस्मिल्लाहिल अज़ीमी वालहम्दुलिल्लाह”

दुआ का तर्जुमा

शुरू करता हूं अल्लाह के नाम से जो बड़ी अज़मत वाला है और तमाम तारीफें अल्लाह ही के लिए हैं।

वज़ू की सुन्नत

अठ्ठारा हैं – यानि वो काम जिन के बिना वज़ू तो हो जाता हे लेकिन सवाब नहीं मिलता है।

  1. शुरू में बिस्मिल्लाह पढ़ना।
  2. नियत करना।
  3. मिस्वाक करना।
  4. दोनों हाथ टखनों तक धोना।
  5. तीन बार कुल्ली करना।
  6. तीन बार नाक में पानी डालना।
  7. कुल्ली और नाक में खूब अच्छी तरह से पानी पोहाचना ( अगर रोज़ा ना हो )।
  8. दाढ़ी में खलाल करे।  
  9. उंगलियों में खलाल करे।  
  10. हर हिस्सों को तीन तीन मर्तबा धोयेँ।
  11. एक बार पूरे सर का मसह करना।
  12. दोनों कानों का मसह करना।
  13. वज़ू के हर हिस्सों को मल मल के धोना।
  14. तरतीब से वज़ू करना।
  15. मसह की शरुआत पेशानी की जानिब से करना। 
  16. हाथ और पाओ को उंगलियों की तरफ से धोना शुरू करना।
  17. गर्दन का मसह करना।
  18. जिस तरीके से वज़ू का तरीका हे उसी तरीके से एक के बाद  करना।

वज़ू के फ़राएज़

चार हैं – यानि वो काम जिन के बगैर वज़ू होता ही नहीं।

  • एक मर्तबा सारा चेहरा धोना ( एक कान की लो से दूसरे कान की लो तक पेशानी के बालो से थोड़ी के निचे तक )
  • एक बार दोनों हाथ कोहनी तक धोना 
  • सर का मसह करना एक दफा
  • एक मर्तबा दोनों पैर टखनों तक धोना 

“अश-हदु अल्लाह इल्लाह इल्लल्लाहु वह दहु ला शरी-क लहू व अशदुहु अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुहु”

(तर्जुमा) मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं है, वो अकेले है और अल्लाह का कोई शरीक नहीं है, और मैं गवाही देता हु कि नबी ए करीम ﷺ सलल्लाहो अलैहि वसल्लम अल्लाह के प्यारे वा नेक बन्दे है और यह आखिरी रसूल हैं”

वज़ू के बाद की दुआ

वज़ू के बाद कलमा-ऐ-शहादत और फिर ये दुआ पढ़ें

अल्लाहुम्मज’अल्नी मिनत्-तव्वाबीना वज’अल्नी मिनल-मुततह्हिरीन। 

(तर्जुमा) ऐ अल्लाह मुझे तौबा करने वाले लोगों में शामिल फरमा, और मुझे पाक साफ लोगोंं में शामिल फरमा।

वज़ू कैसे टूटता है

ग्यारह हैं – यानि वो काम जिन के करने से वज़ू टूट जाता है।

  1. पेशाब करना।
  2. पख़ाना करना या इन दोनों रास्तों में से किसी और चीज़ का निकलना।
  3. रेह ख़ारिज करना।
  4. बदन के किसी हिस्से से खून या पिप का निकल कर बह जाना।
  5. मुँह बाहर के क़े ( उलटी ) करना।
  6. चित या करवट से लेट कर सोना।
  7. किसी चीज़ के सहारे इस तरह सोना की अगर वो चीज़ हटा दी जाये तो सोने वाला गिर पड़े।
  8. बीमारी या किसी और वजह से बेहोश हो जाना।
  9. जुनून यानि दीवाना हो जाना।
  10. नशा का हो जाना।
  11. नमाज़ में खिल खिला के हंसना।

वज़ू मकरू होने की वजह

छै है- यानि वो काम जिस के होने से सवाब में कमी हो जाती हैं

  1. पानी ज़रूरत से ज़्यादा खर्च करना।
  2. ज़रूरत से कम पानी इस्तेमाल करना।
  3. पानी चेहरे पर मारना ।
  4. दुनिया की बात करना।  
  5. बिना परेशानी के दूसरे से मदद लेना।
  6. तीन दफा पानी लेकर तीन दफा मसह करना।

वज़ू के बारें में कुछ बातें 

अल्लाह नें कुरान में फ़रमाया हे “ऐ ईमान वालों! जब तुम नमाज़ के लिए खड़े हो तो चाहिए की अपने मुंह और हाथ कुहनियों तक धो लो सर पर मसह कर लो और पैर टखनो तक धो लो” ( सूरेह-अल-मैदा 5:6)  इस लिए इबादत से पहले वज़ू करना बहुत ज़्यादा ज़रूरी हे। 

हदीस में हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल लाहु अन्हु से रिवायत है कि नबी सल्लल लाहु अलैहिं वसल्लम में फ़रमाया “जब तुम में से किसी का वुज़ू टूट जाये या वुज़ू न हो तो अल्लाह उसकी नमाज़ क़ुबूल नहीं करता जब तक वो वज़ू न कर ले”।

अगर आप पांच वक्त की नमाज अदा करते हैं, और हर वक्त आप  वुजू बनाते हैं तो आप बहुत ज़्यादा खुशकिस्मत हैं, क्योंकि वुजू स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद अच्छा है वुजू की आदत हमें कई बड़ी-बड़ी परेशानियों और बीमारियों से बचाए रखती है।

रसूल अल्लाह सल्लाहे अले वसलम ने फ़रमाया : गुस्सा शैतान के असर से होता है, शैतान की पैदाइश आग से हुई है, और आग पानी से बुझाई जाती है, इसलिए जब तुम से किसी को गुस्सा आये तो उसे वज़ू का लेना चाहिए। 

ये था वज़ू बनाने का तरीका अगर आपके कोई सवाल हे तो आप नीचे कमेंट में हमसे पूछ सकते हो।

Leave a Comment